प्रदूषण व दूषित पेयजल के साथ डेंगू -मलेरिया का भी प्रकोप झेल रही दिल्ली – वीरेन्द्र सचदेवा

केजरीवाल - आतिशी आपसे दिल्ली नहीं सम्भलता तो स्वीकार कीजिये -भाजपा

दिल्ली सरकार जहां प्रदूषण कंट्रोल करने में पूरी तरह विफल रही है वहीं दूसरी ओर दिल्ली वालों पर गंदे पेयजल जनित बीमारियों के साथ ही चिकनगुनिया, डेंगू एवं मलेरिया का खतरा पहले से कहीं अधिक मंडरा रहा है – वीरेन्द्र सचदेवा

पी.एम.  2.5 स्तर 400 पार है तो पी.एम. 10 का स्तर 1000 पार है और दिल्ली एक ऐसा गैस चेम्बर बन गया है जहां अरविंद केजरीवाल, आतिशी एवं गोपाल राय के आलावा हर आदमी खांस रहा है – वीरेन्द्र सचदेवा

ओखला लैंडफिल साइट को लेकर आई रिपोर्ट कि वहां कैंसर फैलाने लायक कण भी हवा में पाये गये हैं विचलित करते है – वीरेन्द्र सचदेवा

छोटे बच्चे एवं बुजुर्ग प्रदूषण के सबसे बड़े शिकार, सरकार पांचवी तक के स्कूल बंद करे, प्रदूषण दवा क्लीनिक खोले – दिल्ली भाजपा अध्यक्ष

पर्यावरण मंत्री की बड़ी बड़ी घोषणाओं के बाद भी दिल्ली में कहीं एक जगह वाटर स्प्रिंकलर या स्मॉग गन चलते नही मिलते – वीरेन्द्र सचदेवा

दिल्ली सरकार का स्वास्थ मॉडल फेल हो चुका है और प्रदूषण कंट्रोल पर सुश्री आतिशी मार्लेना सरकार अपनी पूर्ववर्ती अरविंद केजरीवाल सरकार से भी ज्यादा विफल है – दिल्ली भाजपा अध्यक्ष

 

नई दिल्ली । दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष  वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है कि दिल्ली सरकार जहां प्रदूषण कंट्रोल करने में पूरी तरह विफल रही है वहीं दूसरी ओर दिल्ली वालों पर गंदे पेयजल जनित बीमारियों के साथ ही चिकनगुनिया, डेंगू एवं मलेरिया का खतरा पहले से कहीं अधिक मंडरा रहा है।आज दिल्ली का प्रदूषण अपने चर्म पर जा पहुँचा है, कई स्थानों पर पी.एम. 2.5 का स्तर 400 को पार कर गया है तो पी.एम. 10 कि स्तर 1000 के पार पहुँच गया है।

दिल्ली की तीनों लैंडफिल साइट के 4 से 5 किलोमीटर के क्षेत्र में हवा में जहरीले कण दुगने हो जाते हैं और ओखला लैंडफिल साइट को लेकर आई रिपोर्ट की वहां कैंसर फैलाने लायक कण भी हवा में पाये गये हैं विचलित करते है।आज दिल्ली एक गैस चेम्बर बन गया है और स्थिती इतनी खराब है कि शायद अरविंद केजरीवाल, सुश्री आतिशी मार्लेना एवं गोपाल राय को छोड़ दिल्ली वाला खांस रहा है या आंख जलन एवं सिर दर्द की शिकायत कर रहा है।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है कि 400 के आसपास का पी.एम. 2.5 का स्तर ग्रैप 3 लगाने की जरूरत जता रहा है पर दिल्ली सरकार प्रदूषण कंट्रोल पर बिल्कुल गम्भीर नही है।पंजाब से आ रहा पराली का धुंआ हो या टूटी सड़कों से उड़ती धूल हो या फिर प्रतिबंध के बावजूद खुले में चलते निर्माण स्थल सब ने मिलकर दिल्ली वालों का जीवन नरक बना दिया है।

उन्होंने  कहा कि छोटे बच्चे एवं बुजुर्ग प्रदूषण के सबसे बड़े शिकार बन रहे हैं, दिल्ली सरकार अविलंब पांचवी तक के स्कूल बंद करे और बुजुर्गों एवं बच्चों को घर में रहने की सलाह दे। खेदपूर्ण है कि आज दिल्ली वाले खांस रहे हैं पर दिल्ली में कहीं प्रदूषण के इलाज की दवा देने की सरकारी क्लीनिक नही हैं। तुरंत प्रदूषण से बचाव की दवाएं बांटने की व्यवस्था आवश्यक है।

पर्यावरण मंत्री की बड़ी बड़ी घोषणाओं के बाद भी दिल्ली में कहीं एक जगह वाटर स्प्रिंकलर या स्मॉग गन चलते नही मिलते।प्रदूषण से जूझ रही दिल्ली के उपर आज पेयजल जनित बीमारियों के साथ ही चिकनगुनओ, मलेरिया एवं डेंगू का आतंक भी छा रहा है।

हाल में दिल्ली नगर निगम एवं दिल्ली के स्वास्थ विभाग के आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली में गत वर्ष 2023 में दिल्ली के अस्पतालों में हुई 88600 के लगभग मौतों में से 23ः से अधिक यानि 20700 से अधिक मौतों का कारण गंदे पानी से जनित बीमारियों को पाया गया है। हम समझ सकते हैं आज गंदा पेयजल कितनी बड़ी समस्या बन गया है।मानों यही काफी नही था कि दिल्ली नगर निगम से मिले आंकड़ों के अनुसार आज दिल्ली में चिकनगुनिया  एवं मलेरिया 2023 के मुकाबले दुगनी तेज़ी से पांव पसार रहे हैं तो वहीं डेंगू भी चिंताजनक स्तर पर बना हुआ है।

उन्होंने कहा कि यह कहना अतिशयोक्ति ना होगा की दिल्ली सरकार का स्वास्थ मॉडल फेल हो चुका है और प्रदूषण कंट्रोल पर सुश्री आतिशी मार्लेना सरकार अपनी पूर्ववर्ती अरविंद केजरीवाल सरकार से भी ज्यादा विफल है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button