दिल्ली भाजपा ने 25 जून आपातकाल घोषणा दिवस को काले दिवस के रूप में मनाया
भाजपा नेताओं वी. सतीश, तरूण चुघ, वीरेन्द्र सचदेवा, बाँसुरी स्वराज आदि ने आपातकाल बंदियों को किया सम्मानित
वीरेन्द्र सचदेवा ने कनाट प्लेस में युवा मोर्चा द्वारा लगाई आपातकाल की ज्यादतियों की फोटो प्रदर्शनी का किया उद्धाटन – तेजस्वी सूर्य भी सम्मिलित हुए
नई दिल्ली। दिल्ली भाजपा ने आज 25 जून आपातकाल घोषणा दिवस को काला दिवस के रुप में मनाते हुए दिल्ली के अनेक स्थानों पर बैठकों एवं प्रदर्शनी के माध्यम से लोगों को उस वक्त कांग्रेस द्वारा आम नागरिकों के अधिकार छिनने और प्रताड़ित किए जाने से अवगत कराया।
प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आज प्रातः वरिष्ठ भाजपा नेता प्रोफेसर विजय कुमार मल्होत्रा से उनके निवास पर जा कर उनके द्वारा आपातकाल के वक्त सहे गए अत्याचारों के साथ ही लोकतंत्र के लिए करी त्याग और तपस्या के लिए सम्मानित किया और आभार व्यक्त किया।इसके अलावा विभिन्न स्थानों पर आयोजित कार्यक्रम में आपातकाल बंदियों का सम्मान किया गया। दिल्ली प्रदेश भाजपा के माध्यम से आयोजित कार्यक्रमों का संयोजन प्रदेश उपाध्यक्ष श्री दिनेश प्रताप सिंह ने किया।
प्रदेश कार्यालय में आयोजित आपातकाल बंदियों के अभिनंदन बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय संगठक वी सतीश, दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा एवं राष्ट्रीय मंत्री सरदार मनजिंदर सिंह सिरसा ने आपातकाल बंदियों को सम्मानित करते हुए आपातकाल की उस वक्त की स्थिति से अन्य लोगों को अवगत कराया। इस बैठक में भाजपा के वरिष्ठ नेता मूलचंद चावला, योगधन आहूजा एवं धर्मवीर शर्मा की उपस्थिती में अनेक वयोवृद्ध आपातकाल बंदी कार्यकर्ताओं को भी सम्मानित किया गया।
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुग ने सांसद बाँसुरी स्वराज की उपस्थिती में आज नई दिल्ली जिले द्वारा आपातकाल काला दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में साउथ एक्सटेंशन में आपातकाल बंदियों को सम्मानित किया और उनके द्वारा त्याग एवं संघर्षों के लिए उन्हें साधुवाद दिया।
शाम को राजीव चौक पर दिल्ली भाजपा युवा मोर्चा द्वारा कांग्रेस शासन द्वारा आपातकाल में लोगों के लोकतान्त्रिक अधिकारों के हनन एवं अत्याचारों को दर्शाती प्रदर्शनी का उद्घाटन दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा एवं युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने किया। इस मौके पर दिल्ली युवा मोर्चा अध्यक्ष श्री सागर त्यागी भी उपस्थित थे।
उत्तर पूर्व जिला भाजपा के काला दिवस कार्यक्रम को डा. वेदव्यास महाजन ने, करोलबाग जिला के कार्यक्रम को मूलचंद चावला ने, उतर पश्चिम जिले के कार्यक्रम को प्रवेश साहिब सिंह ने, बाहरी दिल्ली के कार्यक्रम को पवन शर्मा ने, नजफगढ़ जिले के कार्यक्रम को आशीष सूद ने और महरौली जिले के कार्यक्रम को जगदीश मुखी ने सम्बोधित किया।
प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आपातकाल के काला दिवस पर कहा कि 25 जून देश के इतिहास में लोकतंत्र का सबसे काला दिन है। इसलिए दिल्ली भाजपा प्रदेश भर में आपातकाल के वक्त के जितने भी सेनानी हैं, जिन्होंने यातनाएं सही है, उन्हें सम्मानित कर रही है और उनके बलिदान के लिए आभार व्यक्त कर रही है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि आज मैंने प्रोफेसर विजय कुमार मल्होत्रा से आशीर्वाद लिया जिन्हें उस वक्त की वर्तमान कांग्रेस सरकार द्वारा 19 महीनों तक जेल में बंद रखा गया। कभी तिहाड़ जेल, अंबाला जेल में तो कभी चंडीगढ़ में जेल में रखा गया और उस वक्त उनके परिवार ने जो सहा है उसे हम समझ सकते हैं।उन्होंने कहा कि 25 जून 1975 को कांग्रेस सरकार द्वारा लोकतंत्र का कत्ल किया गया था और इस इतिहास को हमारे युवाओं और आने वाली पीढियों को भी जानना चाहिए।
श्री तरुण चुग ने कहा कि 25 जून का यह दिन भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का काला दिन है और लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन करने वाली कांग्रेस को तो लोकतंत्र के बारे में बोलने का कोई अधिकार हीनहीं है।उन्होंने कहा जब से यह देश आजाद हुआ है तब से संविधान के खिलाफ किसी भी सरकार ने ऐसा नहीं किया था जैसा काम इंदिरा गांधी की सरकार ने किया और एक तरह से पूरे लोकतंत्र को खत्म कर दिया।
राष्ट्रीय संगठक वी सतीश ने कहा आपातकाल भारत के इतिहास का काला अध्याय था और रहेगा। आपातकाल की हम कल भी निंदा करते थे, आज भी करते हैं और कल भी करेंगे। इसके पीछे कोई राजनीतिक कारण नही बल्कि हमारा लोकाधिकारों की गारंटी के प्रति संकल्प है।50 वर्ष पहले आपातकाल में हुई घटनाओं को अगर हम सही ढंग से समझेंगे नहीं और सिर्फ एक इवेंट मानेंगे तो शायद उन यातनाओं का दर्द हम महसूस नहीं कर पाएंगे। जो जेल के अंदर थे यातनाएं झेल रहे थे उन्हें पता नहीं था कि शायद वह बाहर कभी आ पाए। उनके परिजनों ने जो दुख झेले, आर्थिक संकट देखे वह भी बराबर के सैनानी हैं।
उन्होंने कहा की आज जो संविधान की बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं क्या उन्हें संविधान के बारे में बात करने का हक नही है। जिस कांग्रेस ने संविधान को ही कत्ल करने का काम किया है आज उन्हें इस पर विचार करने की जरूरत है क्योंकि उन्हें न संविधान की सम्मान है और ना ही उन्हें कोई अधिकार है जिन्होंने खुद संविधान का अपमान किया है। संयोग है 1975 में 25 जून को उन्होंने संविधान का कत्ल किया था और आज 25 जून को पार्लियामेंट के अंदर वह संविधान की बात कर रहे हैं।