एससी,एसटी और ओबीसी के आरक्षण में किसी एक राजनीतिक दल ने डाका डाला है, तो वह कांग्रेस है: अमित शाह

लोकसभा चुनाव के 7 चरणों में से 2 चरण के चुनाव समाप्त हो चुके हैं और तीसरे चरण के प्रचार के लिए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह पूरे दम-खम के साथ मैदान में उतर चुके हैं। अमित शाह देश भर के राज्यों में जनसभाओं और रोड शो के माध्यम से लोगों के संपर्क में हैं। इसी सिलसिले में, अमित शाह ने असम के गुवाहाटी स्थित भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक महत्त्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया और कांग्रेस सहित इंडी एलायंस द्वारा भाजपा के खिलाफ संविधान बदलने एवं आरक्षण समाप्त करने के भ्रामक और फेक ख़बरों का खंडन किया।
भारतीय राजनीति को नई पहचान दिलाने वाले अमित शाह ने स्पष्ट किया कि, ‘ एस सी,एसटी और ओबीसी के आरक्षण में किसी एक राजनीतिक दल ने डाका डाला है, तो वह कांग्रेस है।
हाल ही में, कांग्रेस ने फेक वीडियो के माध्यम से जनता को गुमराह करने की कोशिश की और यह आरोप लगाया कि अगर भारतीय जनता पार्टी को 400 से ज्यादा सीटें मिली तो मोदी सरकार संविधान में बदलाव करते हुए आरक्षण को समाप्त कर देगी। लेकिन, मोदी सरकार के 10 सालों के ट्रैक रिकॉर्ड से यह आरोप निराधार और तथ्यहीन दिखाई दे रहा है। देश की जनता ने भारतीय जनता पार्टी को साल 2014 और साल 2019 में भी पूर्ण बहुमत दिया था। भाजपा 10 वर्षों से पूर्ण बहुमत की सरकार चला रही है, लेकिन इसका दुरुपयोग कांग्रेस की तरह आपातकाल लगाने और लोकसभा का कार्यकाल बढ़ाने के लिए नहीं किया। मोदी जी के नेतृत्व और अमित शाह के कुशल मार्गदर्शन में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने पूर्ण बहुमत का उपयोग धारा 370 को हटाने, तीन तलाक को समाप्त करने, अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानूनों को बदलने, कोरोना महामारी में लॉकडाउन लगाने, सीजे लाने और प्रभु श्री राम के मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए किया है। देश की जनता जान चुकी है कि कांग्रेस पार्टी झूठ फैलाकर जनता के बीच भ्रांति पैदा करना चाहती है।
कांग्रेस की सरकार ने आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में एस सी,एसटी और ओबीसी का हक मारकर धार्मिक आधार पर, असंवैधानिक तरीके से मुसलमानों को आरक्षण देने का काम किया। अंत्योदय की राजनीति करने वाले अमित शाह का मानना है कि धर्म आधारित आरक्षण गैर-संवैधानिक है, और इन राज्यों में भाजपा की सरकार आने पर धर्म आधारित आरक्षण को समाप्त कर एससी,एसटी और ओबीसी को न्याय दिया जाएगा। पूरा देश जानता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद ओबीसी समाज से हैं, उनके मंत्रिमंडल में 27% मंत्री ओबीसी हैं। एससी,एसटी और  ओबीसी के आरक्षण की सबसे बड़ी समर्थक भाजपा है।
आजादी के बाद दशकों तक देश की जनता ने कांग्रेस के शासन को देखा है, जब गरीब और भी गरीब होते चले गए। जनता ने बीते 10 वर्षों में मोदी सरकार की उपलब्धियों को भी देखा है, जब 25 करोड़ गरीब गरीबी रेखा से बाहर निकल चुके हैं और दुनिया भर में भारत को नई पहचान मिल रही है। जब कांग्रेस के 55 सालों पर मोदी जी का 10 साल भारी पड़ रहा है, तो यह अनुमान लगा लेना आसान है कि 2024 लोकसभा चुनाव में देश की जनता का मूड क्या होगा?
2024 लोकसभा चुनाव में भगवा लहराने के लिए भारतीय राजनीति के चाणक्य अमित शाह पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतर चुके हैं। शाह का मैदान में उतरना अपने आप में जीत की एक गारंटी है। विपक्षी भी इस बात को मानते हैं कि शाह के तरकश में मौजूद बाणों का कोई जवाब नहीं है। ऐसे में यह मानकर चलना चाहिए कि 2024 में 400 पार के साथ मोदी जी का तीसरी बार प्रधानमंत्री बनना सुनिश्चित है। एक सच और भी है कि इस लोकसभा चुनाव में मोदी ‘मैजिक’ के साथ-साथ शाह ‘फैक्टर’ की भूमिका महत्त्वपूर्ण होगी।

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