सांसद चंदोलिया ने सिरसपुर में बारिश के कारण करंट लगने से मारे गए 2 बच्चों के परिवार से की मुलाकात
शोक व्यक्त किया और भाजपा की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया
यह दुखद है कि जब मंत्रियों को लोगों के लिए काम करना चाहिए, वे अपने जेल में बंद मुख्यमंत्री का समर्थन करने के लिए बयान देने में व्यस्त हैं – योगेन्द्र चंदोलिया
जब दिल्ली को पिछले दशक में सबसे भयंकर बारिश का सामना करना पड़ा तो दिल्ली वालों के खर्चे पर सुविधाएं उठाने वाले राज्य सभा सांसद संजय सिंह कहां थे – योगेन्द्र चंदोलिया
नई दिल्ली। दिल्ली भाजपा के महासचिव एवं सांसद योगेंद्र चंदोलिया ने उत्तर पश्चिम दिल्ली के सिरसपुर अंडरपास में फंसकर करंट लगने से 2 बच्चों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है।उन्होंने बाबू जगजीवन राम अस्पताल में एक बच्चे के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की और दिल्ली भाजपा की ओर से संवेदनाएं व्यक्त की। साथ हीउन्होंने हर संभव मदद का आश्वासन दिया। दूसरे बच्चे कई अभी पहचान नही हुई है।
उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि जब मंत्रियों को लोगों के लिए काम करना चाहिए, वे अपने जेल में बंद मुख्यमंत्री का समर्थन करने के लिए बयान देने में व्यस्त हैं।उन्होंने सवाल उठाया कि जब दिल्ली वालों को पिछले दशक की सबसे भयंकर बारिश का सामना करना पड़ा, तब आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद, प्रमुख मंत्री, विधायक और पार्षद कहां थे। दिल्ली वाले जानना चाहते हैं कि जब दिल्ली ने पिछले दशक की सबसे भयंकर बारिश का सामना किया, तब दिल्ली वालों के खर्चे पर सुविधाएं उठाने वाले सांसद संजय सिंह कहां थे।
इसी तरह, आप सांसद एन.डी. गुप्ता और सुश्री स्वाति मालीवाल की अनुपस्थिति चौंकाने वाली है।उन्होंने कहा कि एन.डी. गुप्ता पिछले 6 वर्षों से दिल्ली के सांसद हैं, लेकिन किसी ने उन्हें कभी दिल्ली वालों के किसी भी मुद्दे पर खड़ा होते नहीं देखा।
उन्होंने पीछे की घटनाओं का जिक्र करते हुए बताया कि यहां तक कि आप के विधायक और पार्षद भी गायब थे और मैं इसके लिए सबूत यह है कि जब किराड़ी में करंट लगने से 39 साल के एक व्यक्ति की मौत हो गई और मैंने दो बार उनके परिवार से मुलाकात की, उन्हें उनके पैतृक गांव जाने में मदद की, लेकिन स्थानीय “आप” विधायक ने उनसे मुलाकात नहीं की।इसी प्रकार नए उस्मानपुर में डूबने से 2 बच्चों की मौत हो गई, जबकि वसंत विहार में एक निर्माण स्थल पर 3 मजदूर लापता हो गए, लेकिन स्थानीय “आप” विधायकों ने प्रभावित परिवारों को कोई मदद नहीं पहुंचाई।