अब दिल्ली में सिर्फ़ काम दिेखेगा , बहाने नहीं – प्रवेश साहिब सिंह वर्मा

“Let us own this city as well as department.”- Pravesh Verma

नई दिल्ली।दिल्ली के लोक निर्माण मंत्री  प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने राजधानी की सूरत बदलने और विभाग की कार्यप्रणाली में आमूल-चूल सुधार लाने के लिए स्पष्ट शब्दों में अधिकारियों को संदेश दिया है कि “अब सिर्फ काम होगा, बहाने नहीं चलेंगे। Let us own this city as well as department.”
एक के बाद एक दौरे, मैदानी निरीक्षण और सख़्त फीडबैक के बाद मंत्री वर्मा ने साफ़ कर दिया है कि PWD को अपनी नकारात्मक छवि से बाहर निकालना होगा। उन्होंने 21 दिन की विशेष सफाई और सुधार अभियान का ऐलान किया है, जिसके अंतर्गत दिल्ली की सड़कों, नालों, सार्वजनिक स्थलों और फ्लाईओवर के नीचे की जगहों को पूरी तरह साफ़ किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आज PWD को लेकर जनता में भरोसा नहीं है। “कभी सड़क खुदती है तो महीनों वैसी ही पड़ी रहती है। कभी नाले की सफाई अधूरी रह जाती है। लोग सोचते हैं कि PWD का मतलब है फाइलों में घूमता काम। ये छवि अब बदलनी होगी। हम सबको मिलकर इस विभाग को फिर से सम्मान दिलाना होगा।”उन्होंने साफ़ तौर पर कहा, “हमें फर्क नहीं पड़ता कि सरकार आपके लिए अच्छी है या बुरी। आप PWD में हैं, यही आपकी नियति है। भगवान ने आपको इस विभाग में काम करने का अवसर दिया है। अब यह सोचिए कि आप इस जिम्मेदारी को कैसे निभा रहे हैं।”
मंत्री वर्मा ने कहा कि असली संतोष तभी मिलेगा जब अधिकारी अपने काम को गर्व से देखेंगे। “जॉब सेटिस्फेक्शन फाइलों से नहीं, फील्ड में काम से आता है। आप जिन सड़कों को बनाते हैं, जिन नालों को साफ करते हैं, वहीं से दिल्ली की सुंदरता निकलती है।”उन्होंने पूरे विभाग को स्पष्ट लक्ष्य देते हुए कहा: “अगले 21 दिन में पूरी दिल्ली साफ़ होनी चाहिए। सड़कों के किनारे का मलबा, खुले नाले, जलभराव वाली पॉकेट्स – सब साफ़ हों। कोई जगह नहीं बचनी चाहिए जहाँ गंदगी पड़ी हो।”
मंत्री ने अफसरों से कहा, “यह विभाग ही आपको रोज़ी-रोटी देता है। आप इसी विभाग की वजह से घर चलाते हैं। तो इस विभाग की गरिमा का ख्याल रखना आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए। पैसे का बर्बादी हम नहीं करेंगे। हर टेंडर जनरल होना चाहिए। जो भी काम हो वो क्वालिटी का हो, सही रेट पर हो, और समय पर हो।”उन्होंने विभागीय अनुशासन को लेकर भी दो टूक कहा: “अब सिर्फ जेई या एई पर एक्शन नहीं होगा। अगर चीफ इंजीनियर तक को सस्पेंड करना पड़े, तो किया जाएगा। जो भी काम में लापरवाही करेगा, वह बचेगा नहीं,चाहे वह नीचे हो या ऊपर।
उन्होंने शहर की कई फ्लाईओवरों के नीचे फैली गंदगी, असामाजिक गतिविधियों और अतिक्रमण पर नाराजगी जताई। “आपके ही विभाग के तहत आने वाले फ्लाईओवर के नीचे नशा, भिखारी, कूड़ा और अंधेरा दिखता है। कोई केस कोर्ट में है, कोई फाइल लंबित है—मगर दिल्ली की सुंदरता के साथ यह अन्याय है। यह सब हटना चाहिए। आप लोग इन जगहों को उपयोग में लाने के सुझाव दें।”“Drain सफाई का मतलब सिर्फ अंदर की सफाई नहीं, आउटफॉल तक देखिए” मंत्री ने Drainage सिस्टम की तकनीकी खामियों की ओर भी ध्यान खींचा। “ख़ाली नाले साफ़ कर देना काफी नहीं है। Drain का आउटफॉल ठीक है या नहीं? उसका लेवल कैसा है? यह सब देखिए। वरना सफाई का कोई असर नहीं होगा और बारिश में पानी भर जाएगा।”
उन्होंने विभागीय मोबाइल वैनों, सुपर सकर मशीन और गड्ढों की मरम्मत पर विशेष ध्यान देने को कहा। “हर वैन को मॉनिटर कीजिए, हर पेंचवर्क का फॉलोअप हो। दिल्ली को गड्ढों से मुक्ति दिलाइए। जिस दिन मैंने कार्यभार संभाला, सबसे पहले इसी मुद्दे पर मीटिंग की थी। अब कार्रवाई भी दिखनी चाहिए।।विभाग के अंदर फैले मेल-मेल के कल्चर पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा, “PWD में inter-department coordination नहीं, complicit coordination है। आपस में मेल-मेल खेलते रहते हैं, और नतीजा यह होता है कि contractor मज़े में रहता है।Contractor को तो पता है कि delay करो, estimate late बनाओ, approval रोको—आख़िर में पैसा ज़्यादा ही मिलेगा। और आप लोग खुद ही अपने हाथ पीछे खींच लेते हैं। यह सब अब नहीं चलेगा। department के अंदर यह जो ‘मैं क्यों करूँ’ वाली सोच है, उसे खत्म करना होगा।उन्होंने यह भी जोड़ा: “अगर contractor को आप delay करके फ़ायदा पहुँचा रहे हैं, तो आप भी ज़िम्मेदार हैं। अब हर काम की timeline fix होगी, monitoring होगी और अगर कोई जानबूझकर टाल रहा है, तो उस पर भी कार्रवाई होगी।”
 बदलाव का नेतृत्व हमें ही करना है”मंत्री ने अंत में सभी अधिकारियों से आग्रह किया कि वे बदलाव की अगुवाई करें। “Let us usher in the change. यह कोई रूटीन आदेश नहीं है। यह हमारी प्रतिबद्धता है दिल्ली के नागरिकों के प्रति। हम जब चाहें, तो यह शहर बदल सकता है। इस बार जनता को दिखना चाहिए कि सरकार ज़मीन पर है, अफसर काम पर हैं और विभाग में जिम्मेदारी है।”
PWD मंत्री प्रवेश वर्मा का यह संदेश सिर्फ एक निर्देश नहीं, बल्कि विभाग के लिए आत्ममंथन और जागृति का आह्वान है। आने वाले 21 दिनों में यह अभियान केवल सफाई का नहीं, बल्कि PWD की साख को दोबारा स्थापित करने का प्रयास होगा। यदि अधिकारी और विभाग ईमानदारी से यह संकल्प लें—तो दिल्ली का भविष्य वास्तव में उज्जवल हो सकता है।
प्रिंसिपल सेक्रेटरी पीडब्ल्यूडी के साथ तमाम वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे

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