राहुल गांधी ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से चुनाव की शुरुआत की, 4 जून को ‘कांग्रेस ढूँढो यात्रा’ से इसका समापन होगा: अमित शाह

@prathamswar
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारक अमित शाह ने उत्तर प्रदेश की बरेली, बदायूं और सीतापुर लोकसभा में आयोजित विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर कटाक्ष किया और स्पष्ट किया कि, ‘राहुल गांधी ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से चुनाव की शुरुआत की, लेकिन 4 जून को ‘कांग्रेस ढूँढो यात्रा’ से इसका समापन होगा।
दरअसल कांग्रेस के शहजादे ने चुनाव से पहले ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की शुरुआत की थी, लेकिन चुनाव के दो चरणों में जिस तरह से मोदी जी सेंच्युरी मार कर 400 की दौड़ में आगे बढ़ चुके हैं, उस आधार पर तो यही कहा जा सकता है कि 4 जून के बाद ‘कांग्रेस ढूँढो यात्रा’ से इसका समापन होगा। भारतीय राजनीति के चाणक्य ने यह दावा किया कि दो चरणों के चुनाव के बाद कांग्रेस दूरबीन से भी नजर नहीं आ रही है। शाह का दावा निराधार नहीं होता है। शाह यदि कोई दावा करते हैं तो उसके पीछे बहुत बड़ा आधार होता है। देश की जनता यह जान चुकी है कि यह चुनाव देश के अर्थतंत्र को संसार का तीसरे नंबर का अर्थतंत्र बनाने का चुनाव है। यह चुनाव तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने का चुनाव है। यह चुनाव कश्मीर से लेकर केरल तक आतंकवाद को समाप्त करने का चुनाव है। यह चुनाव छत्तीसगढ़ से लेकर झारखंड तक नक्सलवाद को समाप्त करने का चुनाव है। यह जगजाहिर हो चुका है कि सालों से सपा, बसपा और कांग्रेस पार्टी राम मंदिर के मसले को अटका रही थी। दूसरी बार प्रधानमंत्री बनते ही मोदी जी ने पाँच ही साल में केस भी जीता, भूमि पूजन भी किया और 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा भी कर दी। पहली बार सूर्य तिलक के साथ भव्य मंदिर में रामलला का जन्मदिन मनाया गया। देश भर के श्रद्धालुओं के लिए यह गौरव का क्षण था।
सपा और कांग्रेस परिवारवादी पार्टियाँ हैं। अखिलेश यादव जातिवाद की राजनीति करते हैं और उसमें भी परिवारवाद को ऊपर रखते हैं। अखिलेश यादव कन्नौज से लड़ रहे हैं, उनकी पत्नी डिम्पल यादव मैनपुरी से लड़ रही हैं, उनके भतीजे अक्षय यादव फिरोजाबाद से लड़ रहे हैं, आदित्य यादव बदायूँ से लड़ रहे हैं और धर्मेंद्र यादव आजमगढ़ से लड़ रहे हैं। अखिलेश यादव का वश चले तो उत्तर प्रदेश की 80 की 80 सीटों पर अपने ही परिवार से प्रत्याशियों को खड़ा कर दें। अखिलेश खुद मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं और सोनिया गांधी अपने बेटे राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाना चाहती हैं। जो अपने परिवार को आगे बढ़ाने की राजनीति कर रहे हैं वो बरेली या देश की जनता का कभी भला नहीं कर सकते हैं, और यह बात देश की जनता जान चुकी है।
बदलाव का संकेत तो यह है कि सपा के समय में उत्तर प्रदेश में देसी कट्टे बनाने के कारखाने थे। आज कट्टों की जगह तोप और मिसाइल बनाने का कारखाना लगा, जो पाकिस्तान पर गोले बरसाने का काम करेगा। यहाँ पर वाहन चोरी करने का कुटीर उद्योग चलता था, भाजपा के शासन में वाहन बनाने की फैक्टरियाँ लग रही हैं। कांग्रेस और सपा तुष्टीकरण की राजनीति करती है। बीते 10 वर्षों के ट्रैक रिकॉर्ड के आधार पर कहा जा सकता है कि जब तक भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, इस देश से कोई भी एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण खत्म नहीं कर सकता है।
मोदी-शाह की करिश्माई जोड़ी ने जिस तरह से भारत को दुनिया भर में एक नई पहचान दिलाई है, उस आधार पर यह मान लेना चाहिए कि अमृतकाल में पूरा देश भगवामय होने के लिए तैयार है। भारतीय राजनीति के चाणक्य अमित शाह की चुनावी तैयारियों के सामने विपक्ष मैदान में उतरने से पहले ही अपनी हार मान चुका होता है। ऐसे में शाह की यह भविष्यवाणी सच साबित हो सकती है कि उत्तर प्रदेश की 80 की 80 सीटों पर कमल खिलाने और 400 पार के साथ तीसरी बार मोदी जी का प्रधानमंत्री बनना तय है।

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