अयोध्या में श्री महा नारायण दिव्य रुद्र सहित शत सहस्त्र चंडी विश्व शांति महायज्ञ

57 दिवसीय महायज्ञ की शुरुआत 2 नवंबर से होगी

नई दिल्ली। 2 नवंबर से 28 दिसंबर तक अयोध्या में श्री महा नारायण दिव्य रुद्र सहित शत सह चिंडी विश्व शांति महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा। महायज्ञ का आयोजन श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, श्री कांची कामकोटि पीठ, और चिन्मयी सेवा ट्रस्ट द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल, स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती, वेदाचार्य डीएसएन मूर्ति, कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भारतिया, व्यापारी नेता अमर परवानी, सत्य भूषण जैन, आचार्य शुभेश ने प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी।
स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती और सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि 2 नवंबर से अयोध्या, भगवान श्री राम की जन्मभूमि, एक अद्वितीय और ऐतिहासिक आध्यात्मिक आयोजन की मेजबानी करेगी।  जिसमें श्री महा नारायण दिव्य रुद्र सहित शत सह चिंडी विश्व शांति महायज्ञ होगा। उन्होंने कहा कि कलयुग में इस प्रकार का यज्ञ पहली बार हो रहा है और संभवत पूरे विश्व का यह अब तक का सबसे बड़ा महायज्ञ है। उन्होंने कहा कि 57 दिवसीय महायज्ञ, श्री कांची कामाक्षी अम्मा की प्रेरणा से हो रहा है, जो सनातन धर्म के प्रचार, विश्व शांति और वैश्विक कल्याण के लिए पूरी तरह से समर्पित है।
प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि इस महायज्ञ का मुख्य उद्देश्य सनातन धर्म के शाश्वत सिद्धांतों को पुर्नजीवित करना, विश्व शांति को बढ़ावा देना और सामूहिक कल्याण के लिए वैदिक अनुष्ठानों के माध्यम से सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार करना है। स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि यह आयोजन प्राचीन वैदिक परंपराओं के आधार पर होगा, जिसमें भक्तों और आध्यात्मिक साधकों को भारत एवं विश्व भर में सामूहिक कल्याण में अपना योगदान देने का अनुपम अवसर मिलेगा। इसमें देशभर से 900 विद्वान पुरोहित प्रतिदिन वैदिक मंत्रोच्चार और वैदिक रीति से अनुष्ठान करेंगे, जिससे अयोध्या नगरी में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होगा। उन्होंने कहा कि इस आयोजन में प्रतिदिन 10,000 से अधिक भक्तों के लिए भोजन सेवा की भी व्यवस्था रहेगी।
खंडेलवाल ने कहा कि कारसेवकपुरम में एक विशेष नगर का निर्माण किया जा रहा है, जहां महायज्ञ के लिए सभी व्यवस्थाएं होंगी।

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