“शीशमहल” निर्माण पर रूपये 33.66 करोड़ का खर्च तो बस एक फिगर है असली लागत का अंदाजा ही नहीं — वीरेन्द्र सचदेवा

सी.ए.जी. रिपोर्ट में सबसे आपत्ति मुख्यमंत्री के लिए आवास कैटेगरी तय करने, फिर उसे भी बढ़ाने, आपातकालीन आवशयकता घोषित करने, काम को कभी स्थाई तो अभी अस्थाई बताने को लेकर और स्टाफ ब्लाक से लेकर सरवेंट क्वार्टर निर्माण तक के नाम पर,हेर फेर को लेकर उठाए हैं – वीरेन्द्र सचदेवा

सी.ए.जी. ने डी.यू.ए.सी. एवं दिल्ली नगर निगम की स्वीकृति के बिना इस बंगले को बनाने पर भी पृष्ठ 139 पर सवाल खड़े किए हैं — दिल्ली भाजपा अध्यक्ष

यदि हमे इस बंगले की असल लागत का अंदाज लगाना है तो अनेक विभागों के खातों की जांच के साथ ही 11 अक्टूबर 2024 को पी.डब्लू.डी. द्वारा बनाई इनवेंटरी को जोड़ना होगा तो हम पायेंगे कि अरविंद केजरीवाल का शीशमहल लगभग 75 से 80 करोड़ की लागत से अवैध रूप से बना और सजा है — वीरेन्द्र सचदेवा

नई दिल्ली। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष  वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है कि दिल्ली में तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा अपने लिए निर्मित करवाया को लेकर एक सी.ए.जी. रिपोर्ट अब सामने आई है जो कहती है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बेशर्मी से अपने लिए निर्माणाधीन बंगले को आपातकालीन आवश्यकता घोषित करवाया और फिर सभी नियमों के अवहेलना करते हुए इसका लागत मूल्य मुख्यमंत्री एवं अधिकारियों ने स्वतः 7.91 करोड़ से  बढ़ा कर पहले 8.62 करोड़ की फिर 342 प्रतिशत की वृद्धि करते करते 33.66 करोड़ की लागत के कागज सी.ए.जी. के समक्ष रखे।

उन्होंने कहा कि विवरण दिल्ली वालों के समक्ष रखने से पहले मै यह बता दूं कि इस 33.66 करोड़ के खर्च तो बस एक फिगर है असली लागत का तो कोई अंदाज ही नहीं- उसके लिए उस इनवेंटरी को जोड़ना होगा जो अरविंद केजरीवाल के बंगला खाली करने पर बनी और जिसका कोई विवरण सी.ए.जी. के समक्ष कभी रखा ही नहीं गया।

सी.ए.जी. रिपोर्ट आधारित तथ्य 

शीशमहल को लेकर सामने आई सी.ए.जी. रिपोर्ट से सबसे पहली बात जो साफ हुई है वह है कि अरविंद केजरीवाल सरकार में पी.डब्लू.डी. यानि लोक निर्माण विभाग एक सरकारी एजेंसी के तौर पर नहीं मुख्यमंत्री केजरीवाल की निजी संस्था के रूप में काम करता था।यहां एक प्रारम्भिक टिपण्णी आवश्यक है जिस तरह पी. डब्लू.डी. अधिकारियों ने हर नियम हर कानून को इस शीशमहल को बनवाने के लिए तोड़ा वह साफ करता है कि यह एक भ्रष्टाचार में “गिव एंड टेक” का मामला है — जरूर मुख्यमंत्री एवं संबंधित मंत्री ने भी अफसरों के अनेक भ्रष्टाचारों पर इसी तरह आंखें मूंदी होंगी।

पहले दिन से भ्रष्टाचार का खेल खुल कर खेला गया

मुख्यमंत्री के लिए मकान निर्माण उनके लिए तय बंगला श्रेणी से कहीं ऊपर का हुआ।

बंगले का पहला एडिशन एलटरेशन एसटीमेट 7 करोड़ 91 लाख का बना और पी.डब्लू.डी. ने इसे ना जाने क्यों आपातकालीन कार्य घोषित कर दिया और पहले एसटीमेट पर 1 सितंबर 2020 को वर्क आर्डर जारी कर दिया जब आप और हम कोविडकाल की मार झेल रहे थे, हमारे रोजगार ठप्प थे।

फिर तो मानो भ्रष्टाचार का खुला खेल फरूखाबादी शुरू हो गया :

1 सितंबर 2020 वर्क आर्डर 7.91 करोड़, 8 जून 2021 को रसोई – लौंडरी आदि के नाम पर 1.62 करोड़ का अतिरिक्त वर्क आर्डर हो गया।

फिर 22 अक्टूबर 2021 को बिना किसी अनुमति को दिखाये बंगले के सुपर एरिया में वृद्धि दिखाते हुए 9.09 करोड़ का नया वर्क आर्डर हो गया।

फिर 30 दिसम्बर 2021 को बंगले के सौन्दर्यीकरण के नाम पर 5.73 करोड़ की लागत और बढ़ा कर वर्क आर्डर हो गया।

फिर 29 जून 2022 को सभी नियम कानून ताक बंगले के अतिरिक्त सौन्दर्यीकरण के नाम पर ओरनामेंटल कामों के नाम पर बंगले की प्रारम्भिक अनुमानित लागत 7.91 करोड़ से कहीं ऊपर 9.34 करोड़ का एक और वर्क आर्डर जारी हो गया।

श्री वीरेन्द्र सचदेवा ने बताया इस तरह प्रारम्भिक वर्क आर्डर के बाद चार बिना किसी जसटीफिकेशन के आपातकालीन आवश्यकता घोषित मुख्य मंत्री के शीशमहल बंगले का लागत मूल्य 33.71 करोड़ पर जा पहुंचा।

सी.ए.जी. की रिपोर्ट पृष्ठ 127 और उससे आगे विस्तार से प्रोजेक्ट कंसल्टेंट नियुक्ति से लेकर प्रोजेक्ट लागत तय करने उसको किश्तों में बढाने पर सवाल खड़े करती है।

सी.ए.जी. रिपोर्ट में सबसे आपत्ति मुख्य मंत्री के लिए आवास कैटेगरी तय करने, फिर उसे भी बढ़ाने, आपातकालीन आवशयकता घोषित करने, काम को कभी स्थाई तो अभी अस्थाई बताने को लेकर और स्टाफ ब्लाक से लेकर सरवेंट क्वार्टर निर्माण तक के नाम पर,हेर फेर को लेकर उठाए हैं।

इसके आलावा सी.ए.जी. ने डी.यू.ए.सी. एवं दिल्ली नगर निगम की स्वीकृति के बिना इस बंगले को बनाने पर भी पृष्ठ 139 पर सवाल खड़े किए हैं।

श्री सचदेवा ने कहा है कि यदि हमे इस बंगले की असल लागत का अंदाज लगाना है तो अनेक विभागों के खातों की जांच के साथ ही 11 अक्टूबर 2024 को पी.डब्लू.डी. द्वारा बनाई इनवेंटरी को जोड़ना होगा तो हम पायेंगे कि अरविंद केजरीवाल का शीशमहल लगभग 75 से 80 करोड़ की लागत से अवैध रूप से बना और सजा है।

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