11 वर्षों की उपेक्षा, 9 महीनों में कार्रवाई
लंबित नागरिक सुविधाओं और प्रदूषण संकट पर दिल्ली सरकार का निर्णायक हस्तक्षेप
नई दिल्ली : दिल्ली सरकार के मंत्री प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने गुरुवार को एक प्रेस वार्ता में पूर्व दिल्ली सरकार के 11 वर्षों के कार्यकाल में लंबित रहे कार्यों से जुड़ी फाइलों का बड़ा पुलिंदा मीडिया के समक्ष प्रस्तुत किया। फाइलें दिखाते हुए मंत्री ने कहा कि ये दस्तावेज़ वर्षों की प्रशासनिक उदासीनता और विफलता का प्रमाण हैं, जिसका खामियाज़ा आज दिल्ली की जनता भुगत रही है।

प्रेस वार्ता में राज्य सरकार द्वारा जिन कार्यों को सूचीबद्ध किया गया, उनमें कूड़े के पहाड़ों का निस्तारण, पार्कों का निर्माण व रखरखाव, फुटपाथों और पक्के रास्तों की मरम्मत, ई-वेस्ट प्रबंधन, यमुना नदी की सफाई, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स को मज़बूत करना, सड़कों की सफाई और यांत्रिक झाड़ू व्यवस्था, प्लास्टिक कचरा प्रबंधन, नालों का रखरखाव और जल शोधन संयंत्रों का उन्नयन सहित कई बुनियादी नागरिक दायित्व शामिल हैं।
श्री वर्मा ने कहा,“ये कोई नई योजनाएं या असाधारण मांगें नहीं हैं। ये किसी भी सरकार के बुनियादी कर्तव्य हैं। यह सारा काम पिछले 11 वर्षों में पूरा हो जाना चाहिए था। यदि इसका आधा भी किया गया होता, तो आज दिल्ली प्रदूषण, जलभराव और जर्जर बुनियादी ढांचे से जूझ नहीं रही होती।”
आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए वर्मा ने कहा कि दिल्ली की पर्यावरणीय और नागरिक समस्याएं अचानक पैदा नहीं हुई हैं, बल्कि वर्षों की उपेक्षा का परिणाम हैं।“दिल्ली में प्रदूषण एक साल में नहीं बढ़ा। यह वर्षों से लगातार बढ़ता रहा है। आज जो हालात हैं, वे कमजोर योजना, गलत प्राथमिकताओं और निरंतर लापरवाही का नतीजा हैं,” उन्होंने कहा।
मंत्री ने बताया कि जब 20 फरवरी 2025 को भाजपा-नेतृत्व वाली सरकार ने कार्यभार संभाला, तब की गई विस्तृत समीक्षा में सामने आया कि इन कार्यों में से पांच प्रतिशत से भी कम ज़मीन पर पूरे हुए थे, जबकि पूर्व सरकार बार-बार घोषणाएं करती रही।
“दावे बड़े थे, विज्ञापन उससे भी बड़े, लेकिन ज़मीन पर काम लगभग नहीं था। फाइलें चलती रहीं, पर दिल्ली आगे नहीं बढ़ी,” उन्होंने टिप्पणी की।
वर्मा ने कहा कि सरकार गठन के अगले ही दिन से मुख्यमंत्री, मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी फील्ड में उतरे और वर्षों से लंबित नागरिक समस्याओं पर काम शुरू किया।मानसून की तैयारियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि बारिश से पहले पूरे दिल्ली में बड़े पैमाने पर नालों की सफाई की गई।“मानसून से पहले प्रमुख नालों की सफाई कर लगभग 20 लाख मीट्रिक टन कचरा निकाला गया। इसका सीधा असर यह हुआ कि मिंटो ब्रिज जैसे संवेदनशील स्थानों पर जलभराव की स्थिति नहीं बनी, जो वर्षों से प्रशासनिक विफलता का प्रतीक रहा है,” उन्होंने कहा।
मंत्री ने यह भी कहा कि दिवाली, छठ पूजा और दुर्गा पूजा जैसे बड़े त्योहारों के दौरान सरकार ने सुचारू और सुव्यवस्थित इंतज़ाम सुनिश्चित किए, जिससे नागरिक बिना किसी बाधा के त्योहार मना सके।
आप दिल्ली अध्यक्ष द्वारा सड़कों की खराब स्थिति और नालों के ध्वस्त होने पर की गई आलोचना पर प्रतिक्रिया देते हुए वर्मा ने कहा कि ये समस्याएं नौ महीनों में पैदा नहीं हुई हैं।
“ये सड़कें नौ महीनों में खराब नहीं हुईं। इन्हें वर्षों तक नज़रअंदाज़ किया गया। आज जो काम हो रहा है, वह अभूतपूर्व स्तर पर सुधारात्मक कार्रवाई है,” उन्होंने कहा।
मंत्री ने दिल्ली में सड़क ढांचे को लेकर सरकार की स्पष्ट और समयबद्ध कार्ययोजना की भी घोषणा की।“अगले वर्ष के अंत तक दिल्ली की लगभग 1150 किलोमीटर सड़कों का पुनर्निर्माण किया जाएगा। यह शहर के इतिहास का सबसे बड़ा सड़क उन्नयन अभियान होगा,” उन्होंने कहा।
प्रदूषण नियंत्रण के उपायों पर बोलते हुए वर्मा ने बताया कि धूल प्रदूषण को कम करने के लिए फ्लाईओवरों पर वाटर स्प्रिंकलर लगाए जा रहे हैं।“फ्लाईओवरों पर स्वचालित वाटर स्प्रिंकलर लगाए जा रहे हैं। नंद नगरी फ्लाईओवर से इसकी शुरुआत हो चुकी है और चरणबद्ध तरीके से इसे पूरे शहर में विस्तार दिया जाएगा,” उन्होंने कहा।
यह दोहराते हुए कि प्रदूषण नियंत्रण मिशन मोड में किया जा रहा है, मंत्री ने कहा कि दिल्ली में अब दिखावे नहीं, परिणाम आधारित शासन देखने को मिल रहा है।“यदि पिछले एक दशक के अधूरे काम आज कोई पूरा कर रहा है, तो वह यही सरकार है। हम बहाने बनाने नहीं, काम करके दिखाने आए हैं,” वर्मा ने कहा।
अपने संबोधन के अंत में मंत्री ने कहा कि भाजपा-नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार जवाबदेही, पारदर्शिता और दीर्घकालिक समाधानों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है।“दिल्ली स्वच्छ हवा, सुरक्षित सड़कें और ईमानदार शासन की हकदार है। हम बीती गलतियों को सुधार रहे हैं और एक स्वस्थ व रहने योग्य राजधानी की नींव रख रहे हैं,”!




