दिल्ली बनेगी भारत की ईवी राजधानी – सीएम रेखा गुप्ता
अगले वित्त वर्ष में लागू कर दी जाएगी नई ईवी पॉलिसी
नई दिल्ली । राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के स्तर को कम करने और परिवहन व्यवस्था को आधुनिक बनाने के लिए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता सरकार ने ‘इलेक्ट्रिक वाहन नीति’ का व्यापक खाका तैयार कर लिया है। सरकार का मुख्य उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाना इतना आसान बनाना है कि यह हर दिल्लीवासी की पहली पसंद बन जाए। इस पॉलिसी को अगले वित्तीय वर्ष से लागू किए जाने की संभावना है।

राजधानी के स्वच्छ भविष्य के लिए यह नीति कारगर
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का कहना है कि दिल्ली सरकार की ईवी पॉलिसी राजधानी के प्रदूषण को नियंत्रित करने में भी प्रभावी भूमिका अदा करेगी। उन्होंने कहा कि वाहनों से होने वाला धुआं भी प्रदूषण का एक बड़ा कारक है। हमारी सरकार की यह नीति केवल आर्थिक लाभ देने के लिए नहीं, बल्कि दिल्ली को एक स्वच्छ भविष्य देने के लिए है। जब दिल्ली का हर नागरिक ईवी अपनाएगा, तो पीएम 2.5 और पीएम 10 के स्तर में सीधी गिरावट आएगी। हमारी सरकार इस पॉलिसी में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और सब्सिडी का ऐसा समावेश कर रही है जिससे दिल्ली न केवल देश की, बल्कि दुनिया की ‘ईवी राजधानी’ बनकर उभरे। प्रदूषण के खिलाफ इस युद्ध में तकनीक और सरकारी सहयोग हमारे सबसे बड़े हथियार हैं।
कीमतों का अंतर खत्म करने के लिए सब्सिडी
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने स्पष्ट किया है कि भविष्य की नीति के अंतर्गत ईवी पॉलिसी में सरकार का प्राथमिक ध्यान वित्तीय प्रोत्साहन पर है। पेट्रोल-डीजल (आईसीई) वाहनों और इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों के बीच जो बड़ा अंतर है, उसे कम करने के लिए सरकार पर्याप्त सब्सिडी प्रदान करेगी। इसके अलावा दिल्ली सरकार ने ईवी वाहन खरीदने के लिए रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क को पहले से ही समाप्त कर दिया है, जिससे नई गाड़ी खरीदना काफी सस्ता हो जाएगा।
पुराने वाहनों के निपटान की सरल व्यवस्था
मुख्यमंत्री का कहना है कि लोग अपने पुराने वाहनों के निपटान को लेकर चिंता जाहिर करते हैं कि अगर उन्होंने ईवी वाहन खरीद लिया जो उनके पुराने वाहनों का क्या होगा। मुख्यमंत्री के अनुसार इसके लिए हमारी सरकार ने पुराने वाहनों के लिए ‘स्क्रैपिंग’ प्लान बनाया है। सरकार प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों को सड़कों से हटाने के लिए ‘स्क्रैपिंग इंसेंटिव’ योजना ला रही है। यदि कोई नागरिक अपना पुराना पेट्रोल या डीजल वाहन कबाड़ (स्कैप) करता है, तो उसे नया ईवी वाहन खरीदने पर अतिरिक्त आर्थिक लाभ मिलेगा। यह सिस्टम दिल्लीवासियों को ईवी वाहन खरीदने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
समन्वय को प्राथमिकता
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का कहना है कि सरकार ने वाहन निर्माताओं (OEMs) से कहा है कि वे मांग के अनुसार समन्वय स्थापित करेंगे। निर्माताओं को बाजार की मांग के अनुसार वाहनों की समयबद्ध आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा गया है। कंपनियों को आगाह किया गया है कि वे वाहनों की लागत वाजिब रखें। नीति को अंतिम रूप देने से पहले बिजली कंपनियों (Discoms), वाहन निर्माताओं और स्क्रैप डीलरों के साथ विस्तृत चर्चा चल रही है और मसौदा जनता के सुझावों के लिए सार्वजनिक किया जाएगा।
आवासीय कॉलोनियों मे भी चार्जिंग स्टेशन
मुख्यमंत्री का यह भी कहना है कि दिल्ली सरकार ईवी पॉलिसी के बुनियादी ढांचे को लेकर ‘सिंगल विंडो’ सुविधा और नेटवर्क विस्तार पर जोर दे रही है। इसके तहत प्रमुख सार्वजनिक स्थानों के साथ-साथ अब आवासीय कॉलोनियों के पास भी सार्वजनिक चार्जिंग पॉइंट स्थापित किए जाएंगे। साथ ही पुरानी बैटरियों के वैज्ञानिक तरीके से निपटान और बैटरी स्वैपिंग (बदलने) की सुविधाएं विकसित की जाएंगी, ताकि चार्जिंग के लिए लंबा इंतजार न करना पड़े। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वाहन मालिकों को इलेक्ट्रिक माध्यम पर जाने के लिए पर्याप्त और उचित समय दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री जी के विजन को साकार कर रही है दिल्ली सरकार
मुख्यमंत्री के अनुसार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने वैश्विक मंचों पर बार-बार भारत की प्रतिबद्धता दोहराई है कि देश को 2070 तक ‘नेट जीरो’ (Net Zero) उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करना है। प्रधानमंत्री जी का मानना है कि इलेक्ट्रिक वाहन केवल प्रदूषण रोकने का माध्यम नहीं, बल्कि नए भारत की प्रगति का प्रतीक हैं। प्रधानमंत्री जी का यह भी कहना है कि परिवहन का विद्युतीकरण न केवल पर्यावरण की रक्षा करेगा, बल्कि भारत को कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता से भी मुक्त करेगा और युवाओं के लिए हरित रोजगार के लाखों अवसर पैदा करेगा। मुख्यमंत्री के अनुसार प्रधानमंत्री जी के इसी विजन को दिल्ली सरकार पूरा करने में सतत प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री का स्पष्ट मानना है कि दिल्ली का भूगोल और जलवायु ऐसी है कि यहां ‘जीरो उत्सर्जन’ वाहनों के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है। हमारी सरकार ईवी को लग्जरी नहीं, बल्कि एक आवश्यकता मानती है। हमारा प्रयास है कि दिल्ली के हर मध्यमवर्गीय परिवार को ईवी खरीदना सस्ता पड़े और चार्ज करना मोबाइल चार्ज करने जैसा आसान हो।
ऊर्जा मंत्री श्री सूद की अध्यक्षता में कार्यरत है विशेष समिति
ईवी पॉलिसी को पूरी तरह त्रुटिहीन बनाने के लिए मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता ने ऊर्जा एवं शिक्षा मंत्री श्री आशीष सूद की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय मंत्रिमंडलीय समिति (GoM) का गठन किया है। करीब चार माह पूर्व गठित इस समिति ने अब तक कई सघन बैठकें की हैं, जिनमें तकनीकी विशेषज्ञों और हितधारकों के साथ सीधा संवाद किया गया। समिति ने आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञों और अन्य सलाहकारों की मदद से एक ऐसा वैज्ञानिक ढांचा तैयार किया है, जो बैटरी रीसाइक्लिंग और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी पुरानी चुनौतियों का स्थायी समाधान देगा। श्री आशीष सूद ने हाल में कहा है कि यह समिति केवल सब्सिडी ही नहीं, राजधानी को जीरो उत्सर्जन बनाने के लिए सारे उपाय तलाश रही है। साथ ही समिति पर्यावरण अनुकूल बैटरी डिस्पोजल पर भी विशेषज्ञों की राय को नीति का हिस्सा बना रही है।




