आर्थिक कुप्रबंधन के कारण दिल्ली का विकास ठप्प -वीरेन्द्र सचदेवा
2024-25 का बजट दिल्ली के इतिहास का पहला घाटे का बजट

नई दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष धार सचदेवा ने कहा कि पूर्व सीएम और आप अर्नेस्ट अर्नेस्ट ने कहा है कि दस साल में सत्ता के लिए संघर्ष की स्थिति पैदा हो गई और आज दिल्ली को आर्थिक कुप्रबंधन में मान्यता मिल गई है। उनके वित्तीय प्रबंधन पर कटाक्ष करते हुए कहा गया है कि किसी भी मतदाता योजना या योजना को लागू करने के लिए विक्सित राशि का कार्यान्वयन नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि दस साल से दिल्ली वाले अरविंद केजरीवाल के बड़े-बड़े मंत्रों के बीच एक ही दावा किया जा रहा है कि दिल्ली सरकार का बजट सरप्लस बजट है और इसी सिद्धांत की वजह से दुनिया भर की नई योजनाएं बिना नई आर्थिक रूपरेखा विकसित की गई हैं। ले जाया जा रहा है। लेकिन अब दिल्ली का विकास तो हो ही गया है और जन हितकारी भी रुकती नजर आ रही हैं।
उन्होंने प्रेस वार्ता में कहा कि आर्थिक कुप्रबंधन का बजट दिल्ली के इतिहास का पहला बजट है। जबकि 1994-95 में भाजपा के मदनलाल पीआरओ सरकार ने पहला सरप्लस बजट दिया था और उसी मजबूत संस्था से 2022-33 तक सभी सरकारी सरप्लस बजट लाती रही। लेकिन दिल्ली में आज पैसे के लिए चालू हालत की कमी दिख रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि वित्तीय स्थिति आज इतनी खराब है कि लगभग 2024 दिसंबर से दिल्ली सरकार अपने कर्मचारियों को वेतन भी नहीं दे पाएगी। रेस्टोरेंट्स सचदेवा ने कहा कि अक्सर बजट घाटा तब होता है जब दिल्ली सरकार का राजस्व वर्ष दर वर्ष बढ़ता है और राजस्व के बजट में कमी आती है और राजस्व में बढ़ोतरी होती है। फ़्रैंचाइज़ी सरकार ने वैज्ञानिक सिद्धांतों पर ध्यान नहीं दिया और योजनाबद्ध कार्यकलापों के लिए भी बजटीय दस्तावेज़ तैयार नहीं किए।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के साथ मिलकर जो लागू होता है, उनकी भी दिल्ली सरकार द्वारा अपना हिस्सा समय पर न देने के कारण उन्हें भी नौकरी से हटा दिया गया है।