कोविड के तरह ही हीट वेव के रोगियों के उपचार की व्यवस्था केजरीवाल सरकार में नहीं -वीरेन्द्र सचदेवा
दिल्ली सरकार के रैन बसेरों में पानी, खाना, पंखा और कूलर जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं, जिससे गरीबों को बाहर निकलने के लिए मजबूर होना पड़ता है – दिल्ली भाजपा अध्यक्ष
नई दिल्ली।यह चौंकाने वाली बात है कि हर रोज दिल्ली की सड़कों से 14 से 15 हीटवेव मौतों की रिपोर्ट मिल रही है, लेकिन दिल्ली सरकार ने गरीबों को सलाह देने की कोई व्यवस्था नहीं की है कि वे घर के अंदर रहें या कम से कम सीधी धूप से दूर रहें।आपदा में ही सरकार की कुशलता की परख होती है जिसमें केजरीवाल सरकार हमेशा असफल रही है,कोविड के समय भी गलत जानकारी देकर लोंगो को दिल्ली से भगाया गया था।आज भी वो दृश्य भूलाये नहीं भूलती की लोग बसों के इंतज़ार में और थक हारकर पैदल ही अपने अपने गंतव्य की और बढ़ते दिखे थे।उक्त बातें दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही।
उन्होंने कहा कि हर गुजरते दिन के साथ हीटवेव के तेज होने के बावजूद दिल्ली सरकार ने दिल्ली के गरीबों, विशेष रूप स्ट्रीट वेंडर, मजदूरों, रिक्शा, ठेला, ऑटो चालकों को उनकी हालत पर छोड़ दिया है।आज समय की मांग है कि दिल्ली सरकार गरीबों के साथ खड़ी हो ताकि वे 11 बजे से 4 बजे के बीच चरम हीटवेव के समय में खाने कमाने के लिए बाहर न जाएं, लेकिन दिल्ली सरकार के रैन बसेरों में पानी, खाना, पंखा और कूलर जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं जिससे गरीबों को बाहर निकलने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि दिल्ली सरकार इस मामले में निर्माण मजदूरों, सड़क विक्रेताओं या अन्य के लिए कोई परामर्श जारी नहीं कर रही है। यह चौंकाने वाली बात है कि हर दिन सैकड़ों हीटस्ट्रोक मामले अस्पतालों में पहुंच रहे हैं, लेकिन सरकारी अस्पतालों में मरीजों के इलाज के लिए कोई विशेष वार्ड तैयार नहीं है।