डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के शहीदी दिवस पर उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें याद किया भाजपा ने
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कश्मीर से धारा 370 को हटाकर सही मायनों में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रद्धांजलि दी है – वीरेन्द्र सचदेवा
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिर्फ हमारे पार्टी के संस्थापक ही नहीं बल्कि देश के पहले राजनीतिक बालीदानी थे – डॉ सुधांशु त्रिवेदी
विपक्ष में बैठे हैं वे लोग हैं जो वक्त के साथ बदलते हैं और हम वो लोग हैं जो वक्त को बदलते हैं – डॉ सुधांशु त्रिवेदी
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने एकता और अखंडता के लिए जो योगदान दिया, उसके लिए देश सदैव उनका ऋणी रहेगा – वीरेन्द्र सचदेवा
आज अगर पंजाब और बंगाल भारत के हिस्सा हैं तो वह सिर्फ डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की देन है- वीरेन्द्र सचदेवा
नई दिल्ली। भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के शहीदी दिवस के अवसर पर आज दिल्ली में उनकी प्रतिमा लगे पार्क में दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा की अध्यक्षता में आयोजित प्रार्थना सभा में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सांसद सुधांशु त्रिवेदी एवं उपस्थित नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने श्रद्धासुमन अर्पित किये।
सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने संगठन महामंत्री पवन राणा, केन्द्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा, सासंद रामवीर सिंह बिधूड़ी, योगेंद्र चंदोलिया, कमलजीत सहरावत एवं बाँसुरी स्वराज, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश उपाध्याय एवं विजेन्द्र गुप्ता, विधायक मोहन सिंह बिष्ट एवं अभय वर्मा की उपस्थिती में डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जीवन के प्रेरक अध्याय सभा में उपस्थित कार्यकर्ताओं के समक्ष रखें।
डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिर्फ हमारे पार्टी के संस्थापक ही नहीं बल्कि देश के पहले राजनीतिक बालीदानी थे। देश की अखंडता और एकता के लिए बलिदान देने वाले डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मृत्यु के पहलुओं को समझाते हुए उन्होंने कहा कि उनकी मृत्यु एक साजिश थी जो उस वक्त के तत्कालिन जवाहर लाल नेहरु सरकार की लापरवाही का परिणाम है क्योंकि घरवालों ने जब इस पूरे विषय पर जांच की मांग की तो सरकार ने जांच करवाने से भी मना कर दिया था।
डॉ त्रिवेदी ने कहा कि जनसंघ के समय से अब तक यानि 73 वर्षों में भारतीय जनता पार्टी का कश्मीर को लेकर जो स्टैंड पहले था, आज भी हम उसी पर आगे बढ़ रहे हैं।2019 में जब हमें पूर्ण बहुमत मिला तो हमने कश्मीर से दो विधान दो संविधान की प्रथा को ना सिर्फ समाप्त किया बल्कि धारा 370 को भी हटाया। एक भाजपा है जिसने अपना स्टैंड आज तक नहीं बदला और एक विपक्ष है जो अपने किसी भी स्टैंड पर कायम नहीं रहा।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि विपक्ष में बैठे वे लोग हैं जो वक्त के साथ बदलते हैं और हम वो लोग हैं जो वक्त को बदलते हैं। कश्मीर के अंदर जो लोग कभी कहते थे कि देखने के लिए तिरंगा नहीं मिलेगा दो दिन पूर्व जब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने योग दिवस मनाया तो वहां तिरंगों की कतार नजर आ रही थी जो बदलते भारत का उदाहरण है।
इस मौके पर दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी एक ऐसे विचारवादी व्यक्ति थे जिन्होने मात्र 52 वर्ष की अल्प आयु में देश की एकता और अखंडता के लिए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया। उन्होंने बंगाल और पंजाब को भारत से अलग होने से बचाया और जब तत्कालिन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु ने मुस्लिम लीग के सामने घुटने टेक दिए थे और भारत के विभाजन का प्रस्ताव मान लिया था उस वक्त एकलौते डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ही थे जिन्होंने इसके खिलाफ आवाज उठाई नहीं तो आज पूरा पंजाब और बंगाल पाकिस्तान में होता।
उन्होंने कहा कि यह कहना अतिशयोक्ति ना होगा कि विभाजन के समय जो भूमि पाकिस्तान को जानी थी उसका भी पहला विभाजन डा. मुखर्जी के विरोध के चलते हुआ। डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मृत्यु को एक साजिश के तहत कत्ल करार देते हुए कहा कि उन्हें पंजाब में रोक लिया गया होता तो आज वे हमारे बीच होते लेकिन जम्मू कश्मीर में बिना अनुमति का जाना निषेध था उसके बावजूद उस समय की तत्कालिन नेहरु सरकार ने उन्हें कश्मीर जाने से नहीं रोका। उन्होंने कहा कि आज हम उनकी 123वीं जन्म जयंती मना रहे हैं और हमें इस बात की खुशी है कि कश्मीर से धारा 370 को हटाकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सही मायने में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी को सच्ची श्रद्धांजलि दी है।
प्रार्थना सभा का संचालन कर रहीं कमलजीत सहरावत ने डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जीवन की उन सभी पहलुओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी जिसके माध्यम से आज भारतीय जनता पार्टी एक मजबूत ही नहीं बल्कि विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी है। उन्होंने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की चर्चा शुरु होते ही कश्मीर ध्यान में आता है। एक देश में दो विधान दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेगा का नारा देकर उन्होंने देश की एकता और अखंडता में अपना योगदान दिया।