दिल्ली बीजेपी ने दिल्ली सरकार द्वारा कांवड़ शिविरों के लिए अनुदान में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद की निंदा की
तीर्थ यात्रा विकास समिति और राजस्व उपायुक्तों द्वारा अनुदान देने में गड़बड़ी की जांच की आवश्यकता - वीरेन्द्र सचदेवा
नई दिल्ली। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कांवड़ शिविरों के लिए अनुदान के आवंटन में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद की निंदा की है। ये अनुदान दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के अंतर्गत कार्यरत तीर्थ यात्रा विकास समिति द्वारा दिया जाता है। उन्होंने तीर्थ यात्रा विकास समिति और राजस्व विभाग के कुप्रबंधन की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि तीर्थ यात्रा विकास समिति विभिन्न त्योहारों जैसे कांवड़ शिविर और छठ पूजा के आयोजन के लिए धार्मिक-सामाजिक संगठनों को अनुदान आवंटित करने के लिए जिम्मेदार है।साल दर साल हम अनुदान राशि के आवंटन में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद की शिकायतें सुनते हैं और इस साल भी हमें शहर भर के कांवड़ समितियों से भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद की शिकायतें मिल रही हैं।नियमों के अनुसार कांवड़ सेवा समितियों और छठ पूजा समितियों जैसी धार्मिक-सामाजिक संगठनों को अनुदान के लिए संबंधित राजस्व उपायुक्त के कार्यालय में आवेदन करना होता है, जो आवेदन की जांच कर अनुदान को मंजूरी देते हैं या आवेदन को खारिज करते हैं।
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यवश, अरविंद केजरीवाल सरकार ने पूरी तरह से नियमों का उल्लंघन किया है और केवल वे आवेदन जिनकी सिफारिश आम आदमी पार्टी के विधायकों द्वारा तीर्थ यात्रा विकास समिति को की जाती है, उन पर ही अनुदान मिलता है।राजस्व उपायुक्तों की भूमिका को पूरी तरह से एक प्राधिकारी के रूप में सीमित कर दिया गया है जो केवल तीर्थ यात्रा विकास समिति द्वारा अग्रेषित आवेदनों पर हस्ताक्षर करते हैं।
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली में सैकड़ों कांवड़ सेवा समितियां कांवड़ियों की मदद के लिए शिविर आयोजित करती हैं लेकिन दिल्ली सरकार केवल उन समितियों को वित्तीय अनुदान देती है जो सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के विधायकों और अन्य नेताओं द्वारा प्रायोजित होती हैं। यह व्यापक रूप से ज्ञात है कि केवल वे सेवा समितियां जो आप विधायकों या नेताओं को अपना संरक्षक बनाती हैं, उन्हें अनुदान मिलता है और इसके बाद भी समिति के पदाधिकारियों को संबंधित अधिकारियों के माध्यम से घूस देनी पड़ती है जो तीर्थ यात्रा विकास समिति या राजस्व विभाग के उपायुक्तों के कार्यालय में तैनात होते हैं।