जल जमाव का मूल कारण है जल निकासी पंप का खराब होना – वीरेन्द्र सचदेवा

जलजमाव से हुई मृत्यु पर एक करोड़ प्रति व्यक्ति एवं नागरिकों को हुए सम्पति नुकसान का भी मुआवज़ा दे दिल्ली सरकार -- वीरेन्द्र सचदेवा

28 जून को दिल्ली के 696 स्थाई वाटर निकासी पंपों में से 400 काम नहीं कर रहे थे और आज भी लगभग 300 काम नहीं करने की स्थिति में हैं – वीरेन्द्र सचदेवा

चुनाव आचार संहिता से अतिरिक्त वाटर निकासी पंप ना लग पाने का बहाना लचर है, आचार संहिता 5 जून को खत्म हो गई थी लोक निर्माण मंत्री आतिशी चाहती तो 6 या 7 जून को टेंडर कर 20 जून तक अतिरिक्त वाटर निकासी पंप लगा सकती थी – वीरेन्द्र सचदेवा

मंत्री आतिशी बतायें दिल्ली में सभी विभागों के कुल कितने स्थाई एवं अस्थाई वाटर निकासी पंप मानसून में होने चाहिए और उनमें से आज कितने काम कर रहे हैं – वीरेन्द्र सचदेवा

नई दिल्ली। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष  वीरेन्द्र सचदेवा ने आज एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चाहे पीने के पानी कमी से दिल्ली वालों की बदहाली हो या बरसात आने पर जलजमाव होने से इन दोनों स्थितियों के लिए अरविंद केजरीवाल सरकार की अक्रमण्यता जिम्मेदार है। दिल्ली में 287 चिन्हित-खतरनाक जल जमाव स्पॉट हैं और 28 जून, 2024 को उनमें से 250 से अधिक स्थानों पर पम्प ठप्प पड़े थे।संवाददाता सम्मेलन में प्रमुख प्रवक्ता अभय वर्मा एवं मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर उपस्थित थे।

उन्होंने कहा कि 28 जून को लोक निर्माण विभाग द्वारा दिल्ली में लगाये 696 स्थाई वाटर निकासी पंपों में से 400 से अधिक काम ही नहीं कर रहे थे। हमारी जानकारी अनुसार 100 से अधिक पंप इसलिए नहीं काम कर रहे थे क्योंकि उनके लिए डीजल तेल उपलब्ध नहीं था।
इसके आलावा दिल्ली जल बोर्ड, फ्लड विभाग के पम्प हाउस एवं दिल्ली नगर निगम के भी 465 पंप दिल्ली में लगाये जाते हैं और उनमें से भी अधिकांश आज भी काम नहीं कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इसका प्रमाण है कि कल बदहाली के 2 दिन बाद जब मंत्री सुश्री आतिशी स्वयं मिंटो रोड़ पुल के नीचे होने वाले जलजमाव की निकासी के लिए लगाये पंपिंग स्टेशन पहुंची तो कल भी 8 में 3 पंप काम करने की स्थिति में नहीं थे।भारती नगर पंपिंग स्टेशन पर भी दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग के पंप 28 जून को बंद पाये गये थे और आज भी स्थिति संतोषजनक रूप से ठीक नहीं हुई है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में हर साल मानसून में 1300 के लगभग अस्थाई अतिरिक्त वाटर निकासी पंप भी मानसून में किराये पर लेकर लगाये जाते हैं पर इस वर्ष एक भी नहीं लगाया गया।अरविंद केजरीवाल सरकार का तर्क है कि चुनाव अचार संहिता लगी होने के कारण आवश्यक टेंडर नहीं हो पाया पर सच यह है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत करवाने एवं चुनाव लड़ने में मदमस्त सरकार का इस आवश्यक काम पर कोई ध्यान ही नहीं था।

उन्होंने कहा कि मानसून के लिए अतिरिक्त वाटर निकासी पंप किराये पर लेने का टेंडर एक वार्षिक जनहित कार्य है और अगर सत्ता के नशे में मदमस्त अरविंद केजरीवाल सरकार यदि चुनाव आयोग से पत्र लिखकर विशेष अनुमति मांगती तो जरूर मिलती पर इन्होंने इसे आवश्यक समझा ही नहीं। वैसे भी चुनाव आचार संहिता से अतिरिक्त वाटर निकासी पंप ना लग पाने का बहाना लचर है, आचार संहिता 5 जून को खत्म हो गई थी लोक निर्माण मंत्री  आतिशी चाहती तो 6 या 7 जून को टेंडर कर 20 जून तक अतिरिक्त वाटर निकासी पंप लगा सकती थी।

उन्होंने जल व् निर्माण मंत्री आतिशी को चुनौती देते हुए कहा कि वह बतायें की दिल्ली में सभी विभागों के कुल कितने स्थाई एवं अस्थाई वाटर निकासी पंप मानसून में होने चाहिए और उनमें से आज कितने काम कर रहे हैं।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा  कि देश की राजधानी दिल्ली में 11 लोगों की जल में डूबने से मृत्यु शर्मनाक है और भाजपा मांग करती है की दिल्ली सरकार इन सब बेबस लोगों की मृत्यु पर शोकाकुल परिवारों को एक एक करोड़ रूपए का मुआवज़ा दे, साथ ही पुरानी दिल्ली के थोक बाजारों के साथ ही दिल्ली भर में भूतल के एवं बेसमेंटों के घरों एवं आफिसों में हुए नुकसान की भी पूर्ति दिल्ली सरकार एवं दिल्ली नगर निगम करे।

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