टैंकर माफिया के आगे नतमस्तक केजरीवाल सरकार का जल संकट पर बरगलाने का प्रयास है प्रधानमंत्री को लिखा पत्र -वीरेन्द्र सचदेवा

मंत्री आतिशी के प्रधान मंत्री को लिखे पत्र का आधार ही झूठ, आज दिल्ली की 3.20 करोड़ आबादी जल संकट झेल रही जबकि जल मंत्री ने जल समस्या को केवल 28 लाख लोगों की समस्या बता कर, दिल्ली वालों के जख्मों पर नमक छिड़का — वीरेन्द्र सचदेवा

जल मंत्री आतिशी के शासन में तो पूरा जल माफिया पनप रहा है, जो टैंकर से जल देता है, बोतल से जल देता है और तो और अवैध पाइपलाइन से भी जल देता है जैसा हमने इन्द्रपुरी मे देखा है — वीरेन्द्र सचदेवा

नई दिल्ली। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष  वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि प्राकृतिक संकट से प्रभावित हर राज्य सरकार को देश के प्रधान मंत्री से मदद मांगने का अधिकार है पर अपनी अकर्मण्यता एवं भ्रष्टाचार से अपने राज्य को समस्या में धकेलने वाली सरकार को प्रधान मंत्री से मदद मांगने का कोई अधिकार नही है और दिल्ली का जल संकट प्राकृतिक न हो कर केजरीवाल सरकार का उपहार है जिससे दिल्ली कि जनता प्यासी रहने को मजबूर है।  दिल्ली की जल मंत्री आतिशी का प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी को दिल्ली की जल समस्या पर लिखा पत्र एक छलावा है जनता के बीच अपना चेहरा बचाने का बहाना है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली के साथ ही सभी पड़ोसी राज्य भी गर्मी से तप रहे हैं, उनकी आबादी कम हो सकती है पर उनकी कृषि के लिए जल आवश्यकता बहुत अधिक है।सच यह है की ना दिल्ली में कच्चे पानी की कमी है ना ही शुद्ध किये पेयजल की, उसके बाबजूद दिल्ली की 3.20 करोड़ से अधिक की आबादी जल की कमी से जूझ रही है और ना जाने किस आधार पर मंत्री सुश्री आतिशी ने प्रधान मंत्री को लिखे पत्र में मात्र 28 लाख लोगों को जल समस्या से प्रभावित बताया है। दिल्ली में जल बोर्ड की सप्लाई से जुड़े नल सूखे हैं, घरों के मटके सूखे हैं, सरकारी टैंकर जल नही पहुंचा पा रहे पर दिल्ली मे हर गली हर नुक्कड पर प्राइवेट जल टैंकर उपलब्ध है और पानी की 20 लीटर की बोतलें धड़ल्ले से 50 से 125 रूपये की बिक रही हैं।

उन्होंने कहा कि  यह अतिशयोक्तिपूर्ण नही होगा की दिल्ली में जल ही जल है बस आपकी जेब में पैसा होना चाहिए और यह साफ है की केजरीवाल सरकार के समय टैंकर माफिया चलता था पर अब  आतिशी के शासन में तो पूरा जल माफिया पनप रहा है, जो टैंकर से जल देता है, बोतल से जल देता है और तो और अवैध पाइपलाइन से भी जल देता जैसा हमने इन्द्रपुरी मे देखा है।

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